आज रायगढ़ में फिर एक बार स्वर्गीय नंद कुमार पटेल की जयंती पर अवसर पर कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर देखने को सामने आई, छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के धाकड़ नेता स्वर्गीय नंद कुमार पटेल ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए कांग्रेस पार्टी को एक करने में और साथ ही साथ सत्ता तक पहुंचने में तो वहीं दूसरी तरफ उनकी जयंती के दिन उनके गृह ग्राम जिले में कांग्रेस की गुटबाजी चर्चा का विषय बनी हुई है आज जहां सुबह से जिला कांग्रेस कमेटी में उनकी जयंती के अवसर पर विधायक महापौर सभापति एवं जिलाध्यक्ष की मौजूदगी में सभी प्रकोष्ठ कांग्रेसियों द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनकी जयंती मनाई गई तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के दूसरे घड़े ने शाम को एक निजी होटल में नंद कुमार पटेल जी की जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया। आज पूरी तरह से कांग्रेस दो खेमों में बटी हुई दिखी।
दूसरा खेमा असंतुष्ट वरिष्ठ कांग्रेसियों का था जो कि एल्डरमैन के घोषणा के बाद खुल कर सामने नजर आई कांग्रेस को यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि बीजेपी की गुटबाजी के कारण ही सत्ता उनके हाथों में आई है पर अब वही गलती कांग्रेस भी दोहरा आ रही है, निश्चित तौर पर इसका खामियाजा चुनाव के समय कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है और फिर से कहीं गुटबाजी के कारण कांग्रेस को विपक्ष में ना बैठ ना पड़े इस बात को संज्ञान में लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को सभी को एक साथ एक मंच पर लाकर खड़ा करना पड़ेगा वरना कांग्रेस को हार के मुंह देखने से कोई नहीं रोक सकता।
इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और नंद कुमार पटेल की जयंती के बाद यह बात तो स्पष्ट हो गई है कि कांग्रेस की गुटबाजी अब उनकी अंदरूनी बात नहीं रही जग जाहिर हो गया।
इस गुटबाजी के विषय में जब हमने कांग्रेस कमेटी में विधायक प्रकाश नायक से चर्चा की तो उन्होंने गुटबाजी करने वाले कांग्रेसियों को भगवान से सद्बुद्धि देने की प्राथना की, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के दूसरे गुट के वरिष्ठ नेताओं से जब हमने में चर्चा की उन्होंने गुटबाजी को सिरे से निकाल दिया और कहा कि नंद कुमार पटेल सभी कार्यकर्ताओं के नेता थे उनकी जयंती मनाने का अधिकार हर कांग्रेसी कार्यकर्ता को है इसी के मद्देनजर आज यह कार्यक्रम हमारे द्वारा आयोजित किया गया है।
पर कहीं ना कहीं बीजेपी को कांग्रेसियों ने बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया अब देखना लाजमी होगा भविष्य में कि बीजेपी इसका कितना फायदा उठा पाती है।